सौ करोड़ से अधिक लोगों को गोद में लिए, मस्तक पर धवल किरीट धारण किए हुए, सागर में पांव पसारे हुए, सोन चिरैया सा लहराता हुआ हिमालय की गोद में लिटा हुआ…

सौ करोड़ से अधिक लोगों को गोद में लिए, मस्तक पर धवल किरीट धारण किए हुए, सागर में पांव पसारे हुए, सोन चिरैया सा लहराता हुआ हिमालय की गोद में लिटा हुआ…
जो राम शांति और शालीनता की पराकाष्ठा हैं , उनके नाम को लेकर उनके भक्तो का अहम सुनाती कविता। ❧ अहम ? मेरे राम में कैसा अहम? जिसने सबरी के आधे-जूठे, बेर…
This quarantine has been an absolute delight in one way: I’ve been watching the world, with a keen eye and just a touch of Camus’ L’Étranger. It helped me in separating the…